सर्वविदित है कि स्वास्थ्य एक बहुआयामी अवधारणा है जो जैविक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक तत्वों द्वारा निर्धरित होती है। प्राथमिक आवश्यकताएँ जैसे भोजन, शु( स्वच्छ जलापूर्ति, आवास, सप़्ाफाई प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं तक जनता की पहुँच उसके स्वास्थ्य स्तर को प्रभावित करती है और यह सब नैतिकता और पोषक संकेतकों द्वारा प्रतिबिंबित होता है। स्वास्थ्य किसी बालक के संपूर्ण विकास के लिए ज्.ारूरी निवेश है और यह विशेष तौर पर उसके नामांकन, ठहराव और स्कूल के समापन को प्रभावित करता है। यह विषय क्षेत्रा स्वास्थ्य की समग्र परिभाषा को ग्रहण करता है जिसवेफ अंतर्गत शारीरिक शिक्षा और योग बच्चे के शारीरिक, सामाजिक, भावात्मक और मानसिक विकास में योगदान करते हैं।