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हिंदी सिनेमा में हुए संरचनात्मक परिवर्तन का अध्ययन | Original Article

Renu Kansal*, Govind Dwivedi, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

सिनेमा अर्थात् चलचित्र का अर्थ उस चित्र से है जो पर्दे पर गति के साथ मौजूद हो। किसी गतिमान चित्र को मुख्य बिन्दु उसकी गति ही है। प्रसिद्ध इतिहासकार बी. डी. गर्ग ने कहा है, लगभग 25 हजार वर्ष पूर्व सभ्यता के पूर्वार्द्ध में किसी अनजान चित्रकार ने एल्टामिरा स्पेन की गुफाओं में बहुत से पैरों वाले एक सुअर का भित्रि चित्र बनाया था, जो शायद मनुष्य का प्रथम प्रयास था, जिसमें चित्र को गति के महत्त्व के साथ प्रस्तुत किया गया था।