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रोजगार के क्षेत्र पर विभिन्न गरीबी योजनाओं की प्रभाव का विश्लेषित करना | Original Article

Ruchi Soni*, Ravi Prakash Pandey, Prabhakar Singh, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

भारत में योजना की शुरुआत से ही गरीबी उन्मूलन विकास नीति का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य रहा है। भारत में विभिन्न गरीबी निवारण, रोजगार सृजन और बुनियादी सेवा कार्यक्रम दशकों से चल रहे हैं। चल रहे सुधार गरीबी हटाने और विशेष रूप से राज्यों में व्यापक विविधताओं और ग्रामीण-शहरी विभाजन को संबोधित करने को बहुत महत्व देते हैं। गरीबी-विरोधी रणनीति के तीन व्यापक घटक हैंरू आर्थिक विकास को बढ़ावा देनाय मानव विकास को बढ़ावा देनाय और गरीबी की बहुआयामी प्रकृति को संबोधित करने के लिए गरीबी उन्मूलन के लक्षित कार्यक्रम। गरीबों पर लक्षित विभिन्न कार्यक्रमों को हाल के वर्षों में सुव्यवस्थित और मजबूत किया गया है, जिसमें नरेगा भी शामिल है। उद्योग पर वृहद-आर्थिक वातावरण के प्रभाव से अर्थव्यवस्था में उत्पादकता में वृद्धि के माध्यम से अधिक नौकरियाँ और उच्च स्तर की मजदूरी और आय उत्पन्न होती है। इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, बाह्योन्मुख नीतिगत परिवर्तनों की श्रृंखला अर्थात् औद्योगिक सुधार, राजकोषीय सुधार, मौद्रिक सुधार, व्यापार नीति सुधार आदि पेश किए गए। एक आर्थिक सुधार ऐतिहासिक रूप से विकसित हो रहा है और तकनीकी क्रांति द्वारा अविश्वसनीय गति से आगे बढ़ाया जा रहा है।