प्रवासी भारतीय और राष्ट्रवाद एक ऐसा भावात्मक शब्द है जो प्रवासी भारतीयों द्वारा अनेक राष्ट्रों में भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का पोषण कर रहा है वर्तमान में जब इंदौर में 8 - 10 जनवरी 2023 को प्रवासी भारतीयों का जो भव्य और भावनात्मक सम्मलेन हुआ वह अपनी शक्ति की छाप छोड़ गया है
प्रवासी भारतीय का अर्थ - ऐसे लोग जो भारत के हैं और भारत छोड़कर विश्व के दूसरे देशों में जा बसे हैं उन्हे प्रवासी भारतीय कहते हैं प्रवासी भारतीय विश्व के अनेक राष्ट्रों में निवास करते हैं लगभग 48 देशों में रह रहे प्रवासियों की जनसंख्या अनुमानत 2 करोड़ है इनमें से 11 देशों में 5 लाख से अधिक प्रवासी भारतीय वहां की औसत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं और वहां की आर्थिक व राजनीतिक दशा व दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं 1 इन दशों में उनकी आर्थिक, शैक्षणिक व व्यावसायिक दक्षता का आधार बहुत सशक्त है प्रवासी भारतीय विभिन्न देशों में रहते हैं, अलग भाषा बोलते हैं परन्तु वहां के विभिन्न क्रियाकलापों में अपनी सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रवासी भारतीयों को अपनी सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने के कारण ही साझा पहचान मिली है और यही कारण है जो उन्हें भारत से गहरे जोड़ता है