जल का मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। एक संसाधन के रूप में किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए जल अत्यन्त आवश्यक माना जाता है। हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है जहाँ धरातलीय जल के अभाव में अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भूमिगत जल का प्रयोग किया जाता है। अतः भूमिगत जल की सही उपलब्धता एवं उपयोग के स्तर के बारे में जानकारी होना नितांत आवश्यक हैं। प्रस्तुत शोध पत्र में द्वितीयक आँकड़ो की सहायता से हरियाणा राज्य में भूमिगत जल की उपलब्धता एवं उपयोग की व्याख्या सारणियों एवं मानचित्रों की सहायता से की गई है। व्याख्या से पता चलता है कि वर्ष 2009 में हरियाणा राज्य में लगभग 9.80 लाख हेक्टेयर मीटर भूमिगत जल उपलब्ध था जबकी खपत लगभग 12.43 लाख हेक्टेयर की थी। कृषि क्षेत्र में भूमिगत जल का सर्वाधिक उपयोग सिंचाई के रूप में किया जाता है। भूमिगत जल के विकास की दृष्टि से राज्य में 13 जिले अतिशोषित, 5 क्रांतिक व 3 सुरक्षित पाए गए है। वार्षिक पुनर्भरण क्षमता को बढ़ाकर, जल का पुनर्चक्रण करके व मकानों की छतों पर वर्षा के जल का भंडारण करके भूमिगत जल की उपलब्धता को बढ़ाया जा सकता है।