षट्कर्मों से पाचन रोगों का निदान
योग विद्या में हठयोग का महत्व और उपयोग
by Sandeep Kumar*, Dr. Kiran Verma,
- Published in International Journal of Physical Education & Sports Sciences, E-ISSN: 2231-3745
Volume 14, Issue No. 3, Jun 2019, Pages 76 - 79 (4)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
योग विद्या की विविध परम्पराओं में “हठयोग” का महत्वपूर्ण स्थान हैं। हठयोग विद्या को तत्रं विद्या के अत्यधिक निकट माना जाता है अर्थात्, ऐसा मत है कि तंत्र से ही हठयोग की उत्पत्ति हुई। संभवतः ऐसा मानने के पीछे यह कारण रहा होगा कि भगवान् आदिनाथ (शिव) ही इन दोनों विद्याओं (तत्र, एवं हठविद्या) के आदिप्रणेता थे। उन्हीं से इनका आवीर्भाव माना जाता है।
KEYWORD
षट्कर्म, पाचन रोग, हठयोग, तंत्र, हठविद्या