भारत में 1773 और 1784 ब्रिटिश अधिनियमों का अध्ययन

ब्रिटिश अधिनियमों के माध्यम से भारत में ब्रिटिश शासन का विकास

by Dr. Anil Kumar*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 16, Issue No. 2, Feb 2019, Pages 1090 - 1094 (5)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत पर शासन 1773 में शुरू किया है। भारत के संविधान की नींव रेगुलेटिंग एक्ट के द्वारा ही रखी गयी। इसके अंतर्गत बंगाल में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के शासन के लिए एक परिषद् की स्थापना की गयी। परिषद् में चार सदस्य और एक गवर्नर जनरल था। भारत का सांवैधानिक विकास वास्तव में अंग्रेजी राज्य की स्थापना से आरंभ होता है। बंगाल में अंग्रेजी राज्य की स्थापना को ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारियों ने किया था। ईस्ट इंडिया कंपनी का उद्धेश्य भारत और अन्य पूर्वी देशों के व्यापार से लाभ उठाना था पर भारत की राजनीतिक दुर्दशा का लाभ उठाकर कम्पनी के कर्मचारियों ने राजकीय मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। 1707 ई में औरंगजेब की मृत्यु के बाद भारत की एकता छिन्न-भिन्न हो गई और इसका लाभ कम्पनी ने पूर्ण रूप से उठाया अंग्रेजों ने भारत में 1947 ई तक राज किया और उनके शासन काल में समय-समय पर भारतीय शासन-व्यवस्था में अनेक परिवर्तन किये गए।इस शोध-पत्र मेंभारत में 1773 और 1784 ब्रिटिश अधिनियमोंका अध्ययन कियागया है।

KEYWORD

भारत, ब्रिटिश अधिनियम, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी, राज्य, व्यापार, शासन, एकता, राजकीय मामला, शासनिक विकास, परिवर्तन