कॉलेज/महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों स्तर पर छात्रों में बढ़ता मादक-द्रव्य-व्यसन

छात्रों के बीच बढ़ता मादक-द्रव्य-व्यसन: एक वैश्विक स्वास्थ्य चिंतन

by Dr. Mohammad Kamil*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 16, Issue No. 2, Feb 2019, Pages 1473 - 1477 (5)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

सभ्यता के आरम्भ से ही मादक-द्रव्य का प्रयोग चिकित्सा, चिन्तन, भविष्य, कथन तथा आमोद-प्रमोद के लिये होता रहा है। प्राचीन यूनान में कच्चा-अफीम को केक के अन्दर भरकर स्वतंत्र रुप से सड़कों पर बेचा जाता रहा है। वर्तमान में मादक पदार्थों का सेवन विलास, वैभव और आधुनिकता का प्रतीक समझा जाता है गलत पैसा कमाने और आतंकवादी गतिविधियां फैलाने के लिये भी मादक पदार्थों का सेवन किया जाता है। भारत सहित विश्व के अनेक देशों में मादक द्रव्यों एवं पदार्थों के सेवन और उनकी लत में चैंका देने वाली दर से वृद्धि हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार विश्व में लगभग 750,000 लोग हेरोइन के आदी हैं, 38 लाख लोग कोकेन का सेवन करते हैं, 17.6 लाख लोग अफीम खाने के आदी हैं, 23 लाख लोग ऐम्फिटेमिन के आदि हैं तथा 34 लाख लोग बार्बिडरेट, पीड़ा शामक और प्रशामक पदार्थों का सेवन करते हैं।[1]

KEYWORD

मादक-द्रव्य-व्यसन, छात्रों, कॉलेज/महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों, वैभव, आधुनिकता, विलास, देशों, स्वास्थ्य, संगठन, हेरोइन