हिन्दी व्याकरण को पं. किशोरी दास वाजपेयी की देन

Language and Power: A New Perspective on Hindi Grammar

by Neelam Kumari*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 16, Issue No. 4, Mar 2019, Pages 450 - 452 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

हिन्दी व्याकरण के क्षेत्र में पं॰ किशोरीदास वाजपेयी नवीन चेतना के अग्रदूत बनकर आये। वे इस बात की घोषणा करनेवाले प्रथम वैयाकरण हैं कि हिन्दी एक स्वतंत्र भाषा है, वह संस्कृत से अनुप्राणित आवश्यक है, जैसे अन्य भारतीय भाषाएँ परन्तु वह अपने क्षेत्र में सार्वभौम सत्ता रखती है। यहाँ उसके अपने नियम कानून लागू होते है। संस्कृत का सब कुछ आँख बन्द करके हिन्दी न ले लेगी। उसमें संस्कृत या अन्य भाषओं में आनेवाले शब्द उसकी अपनी प्रजा है। उन पर वह अपने नियमों से शासन करेगी।1

KEYWORD

हिन्दी व्याकरण, पं. किशोरी दास वाजपेयी, नवीन चेतना, संस्कृत, सार्वभौम सत्ता