किशोरों में विद्यालयी तनाव के कारकों का अध्ययन
A study on the factors of academic stress among adolescents
by Dr. Anjana Gautam*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 16, Issue No. 3, Mar 2019, Pages 253 - 255 (3)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
तनाव मनोदशा (मूढ़) से भिन्न होता है, क्योंकि मनोदशा उच्च संवेगों से उत्पन्न एक अस्थायी अवस्था है जो कुछ समय के बाद समाप्त हो जाती है। यदि कोई व्यक्ति बुरी मनोदशा में होता है तो वह घबराया व चिड़चिड़ा हो जाता है, किन्तु यह दशा मनोदशा के समाप्त होने पर समाप्त हो जाती है। परन्तु तनाव में ऐसा नहीं होता। अप्रिय मनोदशा के चिरस्थायी होने पर यह तनाव में परिवर्तित हो जाती है। चेहरे पर तनाव की अभिव्यक्ति एव घबराहट आदतन हो जाते है, चाहे तनाव का कोई कारण उपस्थित न हों तनाव का सम्प्रत्यय भौतिक विज्ञान से लिया गया है। भौतिक विज्ञान के अनुसार जब एकांक क्षेत्रफल पर दबाव या बल लगता है तो तनाव उत्पन्न होता है। इसी प्रकार जब किसी व्यक्ति पर मनोवैज्ञानिक बल या दाब लगता है तो उसे तनाव महसूस होता है।
KEYWORD
तनाव, मनोदशा, विद्यालयी, कारक, अध्ययन, चेहरे, घबराहट, भौतिक विज्ञान, मनोवैज्ञानिक, दबाव