वर्तमान समय में संगीत से आजीविका के साधन
भारतीय संगीत की समृद्ध परम्परा और विकास
by Dr. Ashwani Sharma*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 16, Issue No. 5, Apr 2019, Pages 391 - 393 (3)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
युगों पहले से मानव अपनी आत्मा की भवना को कला के रूप में प्रस्तुत करता रहा है कविता, चित्रकला अदि कला के विकास को हम पत्थर, पत्ते और कागज पर पाते है लेकिन संगीत को हम पीढ़ी दर पीढ़ी सीखते हुए संरक्षित कर रहे है, इस तरह से हम हमारे शास्त्रीय संगीत में अपनी मधुर गुणवत्ता को बरकरार रखा है। लिखित इतिहास के पहले समय से ही भारत में संगीत की समृद्ध परम्परा रही है। अभिलिखित संगीत का प्रारम्भ, भजनों और मंत्रों के उच्चारण से ईश्वर की पूजा और अर्चना की शैली में की जाती थी। भारत में सांस्कृतिक काल से लेकर आधुनिक युग तक आते-आते संगीत की शैली और पद्धति में जबरदस्त परिवर्तन हुआ है।
KEYWORD
संगीत, भवना, कला, विकास, इतिहास, परम्परा, भजनों, मंत्रों, पूजा, अर्चना