हरियाणा प्रदेश के लोकगीतों में हरियाला सावन
The Reflection of Haryanvi Folk Songs
by Parul .*, Dr. Rajkumar Sharma,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 16, Issue No. 5, Apr 2019, Pages 2262 - 2265 (4)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
लोकगीत किसी भी प्रदेश के जनमानस के हृदय के उद्गार होते है जो उनकी आन्तरिक भावनाओं का प्रतिबिम्ब होते हैं। लोकगीत संस्कृति का दर्पण होते हैं जिनमें परम्पराएँ आस्थाएँ-विश्वास, जीवन की गतिविधियाँ निहित होती है। ये गीत अज्ञात मानस पुत्र-पुत्रियों द्वारा सृजत किए जाते हैं। इनकी रचना मौखिक रूप से की जाती है। एक पंक्ति एक ने दूसरी अन्य स्त्री द्वारा। इसी प्रकार एक से दूसरी पंक्ति जुड़कर पूर्ण गीत अपना स्वरूप धारण कर लेता है।
KEYWORD
हरियाणा प्रदेश, लोकगीतों, हरियाला सावन, आस्थाएँ-विश्वास, जीवन की गतिविधियाँ