हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल के राष्ट्रीय काव्यधारा के कवि

भाषा, साहित्य और राष्ट्रीय संगठन

by Dr. Meenu .*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 16, Issue No. 9, Jun 2019, Pages 564 - 566 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

वस्तुतः ‘सरस्वती’ पत्रिका ने भाषा और साहित्य दोनों ही क्षेत्रों में परिष्कार किया। कितने ही नए-नए कवि और लेखक प्रकाश में आए, देशप्रेम, चरित्र-निर्माण की भावनाएं विकसित हुई, देशभक्ति एवं राष्ट्रीयता की चेतना विकसित करने में भी इस पत्रिका का विशिष्ट योगदान रहा है। राष्ट्रप्रेम की यह भावना तत्कालीन विदेशी शासन के विरूद्ध एक संग्राम का सूत्रपात करने का प्रयास था, शायद इसी कारण सरकार ने ‘भारत-भारती’ को जब्त कर लिया। जिसमें भारत के अतीत का गौरव गान था। गुप्त जी की राष्ट्रीय चेतना इस कृति से पूर्णतः मुखरित हुई।

KEYWORD

हिन्दी साहित्य, आधुनिक काल, राष्ट्रीय काव्यधारा, कवि, सरस्वती पत्रिका