अमृता प्रीतम के विभिन्न रचनाओं में विषयगत विशेषताएँ
अमृता प्रीतम: हिन्दी साहित्य में वैश्विक स्तर का योगदान
by Kamini Chugh*, Dr. Madhubala Sharma,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 16, Issue No. 9, Jun 2019, Pages 741 - 749 (9)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
भारतभूमि को प्राप्त अनेक सौभाग्यों में से एक यह कहा जा सकता है कि भारत की मातृभाषा हिन्दी है। हिन्दी एक भाषा के साथ-साथ अभिव्यक्ति का एक सरल माध्यम हैं जिसके द्वारा हम अपनी भावनाओं को एक-दूसरे तक पहुँचाने का काम करते हैं। हिन्दी भाषा में सरसता, मधुरता, स्नेहशीलता और सौन्दर्य के साथ-साथ अनेकानेक ऐसी प्रवृतियाँ समाहित है जिसके कारण आज वैश्विक स्तर पर भी इस भाषा का मान है। हिन्दी भाषा की मान, मर्यादा और गरिमा को बढ़ाने में विभिन्न कालखण्डों में विद्वानों, साहित्यकारों, निबन्धकारों, उपन्यासकारों एवं कवियों ने अपना बहुमूल्य योगदान देकर इसकी सुन्दरता में चार चाँद लगाने का काम किया है। ऐसे ही साहित्यकारों में अमृता प्रीतम जी का नाम अग्रगण्य है जिन्होंने वैश्विक स्तर पर हिन्दी साहित्य की सर्वोच्चता को स्थापित किया है।
KEYWORD
अमृता प्रीतम, विभिन्न रचनाओं, विषयगत विशेषताएँ, हिन्दी, सरसता, मधुरता, स्नेहशीलता, सौन्दर्य, विद्वान, कवि