भारत में लोक अदालत की अवधारणा: वैकल्पिक न्याय समाधान
भारतीय न्याय प्रणाली में लोक अदालतों की भूमिका और महत्व
by Ratan Singh Tomar*, Prof. (Dr.) Narendra Kumar Thapak,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 16, Issue No. 9, Jun 2019, Pages 1592 - 1597 (6)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों या मुदमेबाजी के पूर्व के विवादों का आपसी सूझ-बूझ के आधार पर निपटारा किऐ जाने हेतु लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। जिसमें पक्षकार अपने मामले का निपटारा आपसी समझौते, सूझ-बूझ एवं सुलह से लोक अदालतों के माध्यम से करा सकते हैं।
KEYWORD
लोक अदालत, विचाराधीन प्रकरणों, मुदमेबाजी, सूझ-बूझ, मामला, सुलह, न्याय समाधान, भारत, पक्षकार