73वें संवैधानिक संशोधन के पश्चात् महेन्द्रगढ़ एवम् कुरुक्षेत्र जिले में नारी सशक्तिकरण व ग्राम पंचायत की भूमिका का व्यवहारिक अध्ययन
A case study on women empowerment and the role of gram panchayat in Mahendragarh and Kurukshetra district post the 73rd constitutional amendment
by Dr. Madhu .*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 17, Issue No. 1, Apr 2020, Pages 197 - 203 (7)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
नारी सशक्तिकरण व ग्राम पंचायत की भूमिका का अध्ययन करने के लिए महिलाओं को उनकी आयु के अनुसार बँटवारा, महिलाओं की विवाहिक स्थिति, महिलाओं के जीवन पर पंचायती कार्यों की उपयोगिता, पंचायत का महिलाओं के प्रति व्यवसाय का बँटवारा, पंचायतों द्वारा नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के मुख्य कारक तथा ग्राम पंचायत की महिला सदस्य का नारी सशक्तिकरण के ज्ञान का अध्ययन किया गया। जिला कुरुक्षेत्र और महेन्द्रगढ़ में 100 उतरदाता महिलाओं में से पंचायत द्वारा नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के मुख्य कारकों का भी अध्ययन किया गया। जिला कुरुक्षेत्र में 100 उतरदाता महिलाओं में से 8 प्रतिवादी महिलाओं को प्रशिक्षण, 28 प्रतिवादी महिलाओं को उद्यमिता कौशल, 31 प्रतिवादी महिलाओं को अनुदान, 5 प्रतिवादी महिलाओं को समन्वय, 5 प्रतिवादी महिलाओं को गैर सरकारी संस्थानों से सहायता, 13 प्रतिवादी महिलाओं को सरकारी संस्थानों से सहायता तथा 10 प्रतिवादी महिलाओं को परिवार से सहायता आदि की आवयशकता है जिनके कारण वें पंचायती राज में अपनी भागीदारी को बढ़ा सकती है (तालिका 1.6)। उसी प्रकार जिला महेन्द्रगढ़ में 100 उतरदाता महिलाओं में से 11 प्रतिवादी महिलाओं को प्रशिक्षण, 6 प्रतिवादी महिलाओं को उद्यमिता कौशल, 41 प्रतिवादी महिलाओं को अनुदान, 9 प्रतिवादी महिलाओं समन्वय, 9 प्रतिवादी महिलाओं को गैर सरकारी संस्थानों से सहायता, 20 प्रतिवादी महिलाओं को सरकारी संस्थानों से सहायता तथा 4 प्रतिवादी महिलाओं को परिवार से सहायता आदि की आवयशकता है जिनके कारण वें पंचायती राज में अपनी भागीदारी को बढ़ा सकती है (तालिका 1.7)।
KEYWORD
नारी सशक्तिकरण, ग्राम पंचायत, महिलाओं, विवाहिक स्थिति, उतरदाता महिलाओं, पंचायत