कामकाजी महिलाओं की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति: बुंदेलखंड क्षेत्र के बिड़ी के कारखाने में एक अध्ययन
by Chandraprabha Baijnath Nagde*, Dr. Umesh Kumar Yadav,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 17, Issue No. 2, Oct 2020, Pages 934 - 939 (6)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
इस पेपर का मुख्य विचार बीड़ी रोलिंग के विशेष संदर्भ में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बीच संबंध का पता लगाना है। भारत में बीड़ी बनाना एक सदियों पुराना उद्योग है और असंगठित क्षेत्र में महिलाओं के लिए सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं में से एक है। नौकरी मुख्य रूप से देश में कमजोर आर्थिक वर्ग द्वारा की जाती है, जिनके पास वैकल्पिक नौकरी की तलाश करने के लिए पर्याप्त शिक्षा और कौशल नहीं है। बीड़ी बनाने के काम को महिलाएं ज्यादा पसंद करती हैं क्योंकि इसे घर के कामों के साथ-साथ घर से भी किया जा सकता है। इस प्रकार, वे घरेलू नौकरियों के प्रबंधन के साथ-साथ पारिवारिक आय को पूरक करते हैं। हालाँकि, हाल के वर्ष में व्यापार सिकुड़ रहा है इसलिए अल्परोजगार की स्थिति है।
KEYWORD
कामकाजी महिलाओं, सामाजिक आर्थिक स्थिति, बुंदेलखंड क्षेत्र, बिटी के कारखाने, अध्ययन