पुस्तकालयों के विकास में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका का अध्ययन
The Role of Information Technology in the Development of Libraries
by Raj Mohammad*, Dr. Mohan Lal Kaushal,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 17, Issue No. 2, Oct 2020, Pages 1029 - 1033 (5)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
पुस्तकालय सूचना का मुख्य स्रोत है और आज की दुनिया केवल सूचनाओं पर चल रही है, इसलिए उनकी देखभाल करने और उन्हें वर्तमान ज्ञान से अपडेट रखने की आवश्यकता है। 21वीं सदी को मशीन युग के रूप में जाना जाता है, कंप्यूटर की सहायता से सब कुछ जल्दी हो सकता है। इस तेज दुनिया में जीतने के लिए हमें पारंपरिक पुस्तकालयों की तुलना में अधिक कुशलता से जानकारी देने के लिए मशीन का उपयोग करना चाहिए। इस समीक्षा में, पारंपरिक पुस्तकालयों के कंप्यूटिंग और डिजिटलीकरण के साथ-साथ अवधारणाओं, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के महाविद्यालय पुस्तकालय प्राथमिकताओं, पुस्तकालय कंप्यूटिंग के महत्व और लाभ, पुस्तकालयों के कम्प्यूटरीकरण और पुस्तकालय को कम्प्यूटरीकृत करने की आवश्यकता के कारणों का पता लगाया गया। आधुनिक समाज ज्ञान उन्मुख है और वैश्विक सूचना का प्रमुख स्रोत मशीन होने की उम्मीद है। पुस्तकें २१वीं सदी में न केवल संरक्षण के साधन के रूप में थीं, बल्कि प्रसार के लिए भी थीं। पुस्तकालय के अधिकांश कार्यों को अब नई प्रौद्योगिकियों के साथ आधुनिक बनाया गया है। सभी सूचना प्रौद्योगिकी में सुधार देख रहे हैं और इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इंटरनेट की शुरुआत और आईसीटी के आगमन के साथ दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न सूचना स्रोतों और डेटाबेस तक पहुंच प्रदान करना संभव हो गया है ताकि पुस्तकालय को आज एक आईटी प्रणाली शुरू करने की आवश्यकता हो जो सुविधाओं को बढ़ाए और अपने पाठकों को संतुष्ट करे। पुस्तकालय शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
KEYWORD
पुस्तकालय, सूचना प्रौद्योगिकी, अध्ययन, कंप्यूटरीकरण, अवधारणाएं, महाविद्यालय पुस्तकालय, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र, लाभ, आधुनिक समाज, आईटी प्रणाली