कौशल विकास के परिणाम के रूप में महिला सशक्तिकरण
by कुमारी भारती*, डॉ. चंद्रकान्त चावला,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 18, Issue No. 4, Jul 2021, Pages 556 - 561 (6)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
महिला सशक्तिकरण किसी भी देश के 'प्रभावी विकास' के लिए सबसे बड़े साधनों में से एक है। इसका मतलब है कि महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और लिंग आधारित भेदभाव के दुष्चक्र से आजादी है । महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना और उनमें विश्वास विकसित करना - एक केंद्रीय मुद्दा है। उनके लिए कुशल होना जरूरी है ताकि वे घर पर और साथ ही पेशेवर रूप से अपने परिवारों की बेहतर सेवा कर सकें। कौशल विकास केवल रोजगार के अवसर ही पैदा नहीं करता बल्कि उन्हें सशक्त भी बनाता है। महिलाओं के मामले में कौशल विकास का उद्देश्य है न केवल उन्हें केवल नौकरियों के लिए तैयार करना लेकिन काम की गुणवत्ता में सुधार करके उनके प्रदर्शन को बढ़ावा देना भी शामिल हैं। यह पेपर महिला सशक्तिकरण पर कौशल विकास के प्रभाव को स्पष्ट रूप से उजागर करता है। महिलाओं को सशक्त बनाने की मूलभूत आवश्यकता उनके कौशल और क्षमताओं को विकसित करना ताकि उनका समग्र व्यक्तित्व का आकार बने और वे समाज के भीतर अपनी स्थिति बढ़ाएं
KEYWORD
महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास, सामाजिक भेदभाव, अधिकार, परिवार की सेवा