जेजे स्कूल ऑफ आर्ट की दिवार एवं खिडकीयों पर बनी भित्तिचित्रों की पार्श्वभूमी : संक्षेप मे अध्ययन
A Study on the Background of Mural Paintings on the Walls and Windows of J.J. School of Art
by विजय गोपाल सकपाल*, डॉ मनोज टेलर,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 20, Issue No. 2, Apr 2023, Pages 120 - 123 (4)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
इस शोध पत्र में हमने जेजे स्कूल ऑफ आर्ट की दिवारों और खिड़कियों पर बने भित्तिचित्रों की पार्श्वभूमि पर विस्तृत अध्ययन किया है। हमने यहां प्रमुखतः इन भित्तिचित्रों की संरचना, उनके रचनात्मक मूल्य, और उनका सांस्कृतिक और कलात्मक महत्व विचार किए हैं। हमने इन भित्तिचित्रों की प्रमुख पार्श्वभूमि की अध्ययन किया है और उनमें प्रदर्शित जीवनशैली, सामाजिक संकेत और समाजशास्त्रीय पहलुओं को विश्लेषित किया है। इस शोध पत्र का उद्देश्य है कि विद्यार्थियों, कलाकारों, इतिहासकारों, और सांस्कृतिक अभिज्ञानियों को इन भित्तिचित्रों के महत्वपूर्ण पहलुओं की समझ बढ़ाने का प्रदान करें। हमारे अध्ययन से प्रकट हुआ है कि जेजे स्कूल ऑफ आर्ट की दिवारों और खिड़कियों पर बने भित्तिचित्रों की पार्श्वभूमि विविधता, साहित्यिकता, और कला की एक मधुर संगम है। ये भित्तिचित्र सामाजिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक मानचित्र के रूप में कार्य करते हैं और छात्रों को एक सामरिक और सृजनात्मक वातावरण प्रदान करते हैं। इन भित्तिचित्रों के माध्यम से, सामुदायिक और सांस्कृतिक वारसा को समारोहित किया जाता है और कला को व्यापक सामाजिक परिवेश में प्रशंसा की जाती है। संक्षेप में, इस शोध पत्र में हमने जेजे स्कूल ऑफ आर्ट की दिवारों और खिड़कियों पर बने भित्तिचित्रों की पार्श्वभूमि पर एक विश्लेषणात्मक अध्ययन पेश किया है। इसमें हमने इन भित्तिचित्रों की संरचना, मूल्य, और महत्व को प्रकट किया है और उनका सांस्कृतिक और कलात्मक परिणामों पर विचार किया है। इस शोध पत्र का परिणाम छात्रों, कलाकारों, इतिहासकारों, और सांस्कृतिक अभिज्ञानियों के लिए इन भित्तिचित्रों के महत्वपूर्ण पहलुओं की समझ में मदद करेगा।
KEYWORD
जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, दिवार एवं खिडकीयों, भित्तिचित्रों, पार्श्वभूमी, विश्तृत अध्ययन, संरचना, मूल्य, सांस्कृतिक और कलात्मक महत्व, जीवनशैली, सामाजिक संकेत, समाजशास्त्रीय पहलुओं, विविधता, साहित्यिकता, कला, सामुदायिक और सांस्कृतिक वारसा, महत्वपूर्ण पहलुओं