जनाकांक्षाओं की नींव पर खडा लोकतंत्र का नवीन मंदिर

जनता की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी लोकतांत्रिक सुझाव

by Harishankar Singh Kansana*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 20, Issue No. 2, Apr 2023, Pages 350 - 355 (6)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

शब्द लोकतंत्र का मंदिर श्रद्धा और महत्व के स्थान का प्रतीक है, जहां लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों को बरकरार रखा जाता है और उनका सम्मान किया जाता है। इस संदर्भ में, लोकतंत्र का नया मंदिर एक नए दृष्टिकोण या शासन की एक पुनर्जीवित प्रणाली का प्रतिनिधित्व करता है जो उन लोगों की बदलती आकांक्षाओं और जरूरतों को स्वीकार करता है जिनकी वह सेवा करता है। लोगों की आकांक्षाओं की नींव नागरिकों की मूलभूत इच्छाओं, आशाओं और अपेक्षाओं को दर्शाती है। इसका तात्पर्य यह है कि लोकतंत्र का नया मंदिर लोगों की सामूहिक इच्छा और सपनों पर आधारित है, जिसमें उनकी जरूरतें और इच्छाएं मार्गदर्शक शक्ति के रूप में हैं। यह एक लोकतांत्रिक प्रणाली का सुझाव देता है जो जनता की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी है और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करती है।

KEYWORD

जनाकांक्षाएं, नींव, खडा, लोकतंत्र, मंदिर