जल संसाधन की समस्याएं एवं समाधान सवाई माधोपुर जिला
जल संसाधन और उपयोग: सवाई माधोपुर जिले का एक अध्ययन
by डॉ. समृद्धि दाधीच*, पवन कुमार,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 20, Issue No. 3, Jul 2023, Pages 212 - 217 (6)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
जल संसाधन पानी के वे स्त्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हो या जिनके उपयोग की सम्भावना हो। पानी के उपयोग में कृषि, औद्योगिक, घरेलु, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में उपयोग शामिल है। जल एक ऐसा प्राकृतिक संसाधन है जिस पर केवल मानव ही नहीं अपितु वनस्पति व सम्पूर्ण जीव जगत निर्भर है। राजस्थान जैसे राज्य के लिए जल का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इसका आधे से अधिक भाग शुष्क व अर्दशुष्क है, जहाँ वार्षिक वर्षा का औसत 25 से.मी. से कम है। प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन तथा वर्षा की कमी से प्रदेश में जल संकट के हालात सामने आ रहे हैं व भूजल की अंधाधुन्ध निकासी तथा वर्षा जल से भूजल पुनर्भरण में गिरावट के परिणामस्वरूप प्रदेश का भूजल स्तर तेजी से गिरने से गहराई में भूजल खारा हो गया है व कई गाँवो में फ्लोराइड की मात्रा बढ़ती जा रही है जो की 6 पीपीएम से अधिक है। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा 1783 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 1497 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल के उपयोग में वृद्धि के फलस्वरूप 1995 में औसत 12.17 मीटर गहराई पर मौजूद पानी की स्थिति 20 मीटर से ज्यादा गहरी हो गई है। जिले की खंडार पंचायत समिति संवेदनशील श्रेणी में है, बाकि अन्य पंचायत समिति बामनवास, बोंली, गंगापुर सिटी और सवाई माधोपुर अतिदोहित श्रेणी में है। प्रस्तुत पेपर में मैंने यादृच्छिक प्रतिचयन विधि का प्रयोग किया है, जिसके माध्यम से जिले की जल संसाधन की स्थिति, समस्याओं व निदान के उपाय प्रस्तुत किये हैं। गिरते भूजल स्तर के समाधान के लिए वर्षा जल संग्रहण, फव्वारा व बूंद-बूंदसिंचाई पद्धति, उद्योगों में जल का पुनः उपयोग हेतु रिसायकलिंग करना व कृत्रिम भूजल पुनर्भरण बनवाना आदि द्वारा संभव है।
KEYWORD
जल संसाधन, पानी, जल संकट, भूजल स्तर, भूजल का उपयोग