छोटानागपुर का उरॉव एवं मुण्डा आंदोलन का आर्थिक रूप से तुलनात्मक अध्ययन
छोटानागपुर क्षेत्र में उरॉव और मुण्डा आंदोलन का आर्थिक रूप से तुलनात्मक अध्ययन
by संजय केरकेट्टा*, डॉ. सावित्री सिंह परिहार,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 20, Issue No. 3, Jul 2023, Pages 253 - 257 (5)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
प्रस्तुत शोध अध्ययन के प्रमुख उद्देश्य है- झारखण्ड के छोटानागपुर क्षेत्र में हुए विद्रोहआंदोलन के स्वारूप उपजी समस्याओं के कारण कबिलाई व्यवस्था में आयी आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन करना है। उरॉव-मुण्डा जनजाति जो पूर्ण रूप से कबिलाई जीवन जी रही थी अंग्रेजों के आने के बाद यहाँ की भू-व्यवस्था एवं आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह से चरमरा गयी। जिस वजह से उरॉव एवं मुण्डा जनजातियों में क्रमबद्ध तरीके से विद्रोह हुए। उनके बीच जो भी आंदोलन घटित हुए उससे उनकी आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित हो गयी और उनका जीवन तबाही के कगार तक पहुँच गया। इस दौरान मुण्डाओं में तमाड़ विद्रोह, सरदारी आंदोलन, बिरसा मुण्डा आंदोलन घटित हुआ और उरॉवों में कोल विद्रोह जिसमें मुण्डा सरदारों एवं हो जनजातियो की भूमिका थी एवं फिर टाना भगत आंदोलन घटित हुए। इस आंदोलन के माध्यम से उरॉवों एवं मुण्डाओं की आज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को तुलनात्मक दृष्टि से समझा जा सकता है।
KEYWORD
उरॉव, मुण्डा, आंदोलन, आर्थिक गतिविधियाँ, जनजाति, भू-व्यवस्था, क्रमबद्ध, विद्रोह, तमाड़, सरदारी