भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में कृषि उत्पादकता का रुझानः एक विश्लेषण
उत्तर प्रदेश में फसल उत्पादकता और जल संसाधन प्रबंधन
by डॉ. समृद्धि दाधीच*, सुनिल कुमार,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 20, Issue No. 4, Oct 2023, Pages 35 - 39 (5)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
फसल उत्पादकता का मुद्धा तेजी से उभरता जा रहा है। वर्ष 1990 के पश्चात् से प्रति वर्ग उत्पादन को बढाने की प्रक्रिया ने चुनौती पेष की है। विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाने के बाद भी किसान उत्पादकता मे मनचाही वृद्धि नहीं कर पा रहा है। इसके लिए फसल चक्र पद्धति को भी अपनाया जा चुका है। उत्तर प्रदेष कृषि बहुल राज्य होने के साथ-साथ जल उपलब्धता के मामले में भी अग्रणी रहा है। फसल की अच्छी उत्पादकता के लिए आवष्यक है कि उस क्षेत्र की जल-भू आकृति की स्थिति अच्छीहो, जल निकासी घनत्वकी स्थिति अच्छी हो, जमीन का ढाल उत्तम हो, भूजल सम्भावना की स्थिति सुदृढ हो, वर्षा की स्थिति ठीक हो। उत्तर प्रदेश इन सभी कसौटियों पर खरा उतरता है। इतना होने के बाद भी फसल उत्पादकता में वृद्धि उत्तम नही है। इस लेख का उद्देष्य उन तथ्यों का पता लगाना है जो भारत के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में फसल उत्पादकता के रूझान को प्रभावित करते है।
KEYWORD
उत्तर प्रदेश, कृषि उत्पादकता, फसल उत्पादकता, वृद्धि, फसल चक्र पद्धति, जल-भू आकृति, जल निकासी घनत्व, जमीन का ढाल, भूजल सम्भावना, वर्षा