परिचय

शिक्षा प्रणाली में मूल्यांकन एक महत्वपूर्ण घटक होता है, जो छात्रों की शैक्षिक प्रगति को मापने में सहायक होता है। इकाई परीक्षण, जिसे साप्ताहिक या मासिक मूल्यांकन के रूप में भी जाना जाता है, छात्रों की समझ और अधिगम को परखने के लिए एक प्रभावी उपकरण है। बनासकांठा जिले के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में इकाई परीक्षण नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं, लेकिन शिक्षकों को इस प्रक्रिया में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस शोध का उद्देश्य शिक्षकों की राय को समझना और उनके अनुभवों के आधार पर समाधान प्रस्तावित करना है।

शोध उद्देश्‍य

  1. बनासकांठा जिले के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में इकाई परीक्षण की स्थिति का अध्ययन।
  2. शिक्षकों की राय और अनुभवों का विश्लेषण।
  3. इकाई परीक्षण के प्रभाव का आकलन।
  4. शिक्षकों द्वारा अनुभव की जाने वाली समस्याओं और उनके समाधान सुझाना।

शोध पद्धति

यह अध्ययन प्राथमिक और द्वितीयक डेटा स्रोतों पर आधारित है। प्राथमिक डेटा हेतु शिक्षकों से सर्वेक्षण और साक्षात्कार लिए गए हैं, जबकि द्वितीयक डेटा के रूप में सरकारी रिपोर्ट, शैक्षिक नीतियाँ और संबंधित साहित्य की समीक्षा की गई है।

सैंपल चयन

नासकांठा जिले के 50 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के 100 शिक्षकों को इस अध्ययन में शामिल किया गया।

डेटा संग्रह के उपकरण

  • भिप्रायावली
  • साक्षात्कार
  • डेटा विश्लेषण उपकरण

 इकाई परीक्षण में उपयोग किए गए प्रमुख टूल्स

  1. नलाइन और ऑफलाइन मूल्यांकन उपकरण: Google Forms, Kahoot, Quizizz
  2. परंपरागत मूल्यांकन उपकरण: प्रश्नपत्र, मौखिक मूल्यांकन, वर्कशीट
  3. डेटा विश्लेषण उपकरण: Excel, SPSS, अन्य विश्लेषण सॉफ्टवेयर
  4. शिक्षण सहायक संसाधन: NCERT सामग्री, डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म

शिक्षकों की राय और इकाई परीक्षण का प्रभाव

शिक्षकों की राय

  • 70% शिक्षकों का मानना है कि इकाई परीक्षण छात्रों की समझ बढ़ाने में सहायक है।
  • 60% शिक्षकों को लगता है कि इकाई परीक्षण में समय की अधिक खपत होती है।
  • 50% शिक्षकों ने तकनीकी समस्याओं (ऑनलाइन टेस्ट के दौरान) का सामना किया।

इकाई परीक्षण का प्रभाव

  • छात्रों की प्रगति को मापने का प्रभावी तरीका।
  • छात्रों में प्रतिस्पर्धा और आत्म-आकलन की भावना उत्पन्न होती है।
  • शिक्षकों को छात्रों की कमज़ोरी और ताकत पहचानने में सहायता मिलती है।

 शिक्षकों द्वारा अनुभव की जाने वाली समस्याएँ

  1. समय प्रबंधन: पाठ्यक्रम पूरा करने के साथ-साथ इकाई परीक्षण कराना चुनौतीपूर्ण होता है।
  2. तकनीकी समस्याएँ: डिजिटल टूल्स का अभाव और प्रशिक्षण की कमी।
  3. मूल्यांकन प्रक्रिया में कठिनाई: छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं की जाँच में अधिक समय लगना।
  4. छात्रों की भागीदारी: कुछ छात्र इकाई परीक्षण को गंभीरता से नहीं लेते।

संभावित समाधान और सुझाव

  1. शिक्षकों के लिए इकाई परीक्षण को डिजिटल रूप में संचालित करने हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।
  2. शिक्षकों के कार्यभार को कम करने के लिए स्वचालित मूल्यांकन प्रणाली विकसित की जाए।
  3. इकाई परीक्षण के स्वरूप को अधिक व्यावहारिक और कौशल-आधारित बनाया जाए।
  4. छात्रों को परीक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया जाए।

 

निष्कर्ष

बनासकांठा जिले के सरकारी विद्यालयों में इकाई परीक्षण शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, शिक्षकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनका समाधान तकनीकी प्रशिक्षण, संसाधनों की उपलब्धता, और मूल्यांकन प्रक्रिया को सरल बनाने से किया जा सकता है।

शिक्षकों की राय और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, एक सशक्त मूल्यांकन प्रणाली विकसित करना आवश्यक है जिससे न केवल छात्रों के अधिगम में सुधार हो बल्कि शिक्षकों के लिए यह प्रक्रिया सरल और प्रभावी बन सके।

यह शोध पत्र बनासकांठा जिले के प्राथमिक विद्यालयों में इकाई परीक्षण से संबंधित शिक्षकों की राय, समस्याओं और संभावित समाधानों पर केंद्रित है।