नवीन वामपंथ और क्रान्ति सम्बन्धी अवधारणा

वर्तमान सदी में वामपंथ और क्रान्ति सम्बन्धी अवधारणा

by KM. Shalu*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 1, Issue No. 2, Apr 2011, Pages 0 - 0 (0)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

क्रान्ति की अवधारणा आधुनिक चिन्तन में विशिष्ट स्थान रखती है। समाज की जिन विसंगतियों ने ‘इसके’ उद्भव एवं विकास में योगदान दिया है, एवं व्यापक सामाजिक हित के संदर्भ में इसकी अपरिहार्यता भी सिद्ध की है, वहीं सामाजिक ऐतिहासिक प्रसंग और परिस्थितियाँ आज भी किसी न किसी रूप में विद्यमान है, और यही तथ्य आज भी क्रान्ति की अवधारणा को प्रासंगिक बनाते हैं। इसलिए, विगत शताब्दी को जिस प्रकार साम्राज्यवाद के प्रसार का काल कहा गया है, उसी प्रकार वर्तमान सदी को यदि-सिद्धांत एवं व्यवहार में - क्रान्तियों का युग कहा जाये तो अतिश्योक्ति न होगी।

KEYWORD

नवीन वामपंथ, क्रान्ति सम्बन्धी अवधारणा, अधुनिक चिन्तन, सोशल ऐतिहासिक प्रसंग, व्यापक सामाजिक हित