भारत में कृषि उत्पादकता का भौगोलिक अध्ययन
भारतीय कृषि में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और उत्पादकता का भौगोलिक अध्ययन
by Dr. Mahendra Kumar Jajoria*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 1, Issue No. 2, Apr 2011, Pages 1 - 6 (6)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
इस शोध पत्र में भारत में कृषि उत्पादकता का अध्ययन किया गया है। भारत कृषी प्रधान देश है। देश की लगभग 60 प्रतिशत आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। खाद्य कृषि के साथ-साथ कई प्रमुख उद्योगों (कपास कपड़ा उद्योग, जूट उद्योग, चीनी उद्योग, चाय उद्योग, सिगरेट उद्योग और तंबाकू उद्योग, आदि) के लिए कच्चा माल उपलब्ध है। कृषि राष्ट्रीय आय का एक प्रमुख स्रोत है। कृषि उत्पाद व्यापार (राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय) का एक अभिन्न और प्रमुख हिस्सा है। भारत द्वारा चाय, कपास, तिलहन, मसाले, तम्बाकू आदि का विश्व व्यापार होता है। कृषि उत्पादों के आंतरिक व्यापार से परिवहन कर और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से करदाता की आय में वृद्धि होती है, जो अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए नितांत आवश्यक है। यदि हम कृषि के विकास के लिए नई तकनीक, मशीनरी और नए विकसित बीजों को अपनाकर कृषि के क्षेत्र में कदम रखते हैं, तो हम दुनिया के प्रमुख देशों के उत्पादन स्तर से अधिक हासिल कर सकते हैं।
KEYWORD
भारत, कृषि, उत्पादकता, अध्ययन, खाद्य, उद्योग, कृषि राष्ट्रीय आय, कृषि उत्पाद व्यापार, कृषि उत्पादों के आंतरिक व्यापार, नई तकनीक, मशीनरी, विकसित बीज