मन्नु भंडारी की कहानी संग्रह का नारी संघर्ष में योगदान

Exploring the Contributions of Mannu Bhandari's Story Collection in the Struggle of Women

by Sudha .*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 3, Issue No. 5, Jan 2012, Pages 0 - 0 (0)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

मन्नू भंडारी हिन्दी की सुप्रसिद्ध कहानीकार हैं। मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव में जन्मी मन्नू का बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था। लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम का चुनाव किया। उन्होंने एम ए तक शिक्षा पाई और वर्षों तक दिल्ली के मिरांडा हाउस में अध्यापिका रहीं। धर्मयुग में धारावाहिक रूप से प्रकाशित उपन्यास आपका बंटी से लोकप्रियता प्राप्त करने वाली मन्नू भंडारी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्षा भी रहीं। लेखन का संस्कार उन्हें विरासत में मिला। उनके पिता सुख सम्पतराय भी जाने माने लेखक थे। मन्नू भंडारी और कृष्णा सोबती की पीढी ने अपने स्त्री होने के अंतरिम अनुभवों को बांटा पर एक व्यापक व्यवस्थात्मक विमर्श तक उडान अभी भी बाकी थी। अस्मिताओं के नए-नए बुत स्वतंत्र्ता प्राप्ति के बाद खडे हो रहे थे और बाडबंदी और अधिक पेचीदा होती जा रही थी।

KEYWORD

मन्नु भंडारी, कहानी संग्रह, नारी संघर्ष, हिन्दी, धर्मयुग, लेखन, प्रेमचंद सृजनपीठ, स्त्री, व्यवस्थात्मक विमर्श, स्वतंत्रता प्राप्ति