दरभंगा जिले के ग्रामीण विकास में महिला प्रतिनिधियों की भूमिका

दरभंगा जिले में पंचायती राज में महिला प्रतिनिधियों का महत्व

by Ravindra Kumar Sharma*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 7, Issue No. 13, Jan 2014, Pages 1 - 3 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

दरभंगा जिला के ग्रामीण विकास में महिला पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका स्वशासन की स्वतंत्र इकाई बनाने का प्रयास किया गया हैं इस व्यवस्था के माध्यम से इन संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है तथा समाज के सभी वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व भी प्रदान किया गया है। जिसका उद्येश्य सम्पूर्ण व्यवस्था का विकेन्द्रीकरण करना है, चूंकि पंचायती राज लोकतन्त्र की प्रथम पाठशाला है। लोकतंत्र मूलतः विकेन्द्रीकरण पर आधारित शासन व्यवस्था होती है। शासन की ऊपरी सतहों पर (केन्द्र तथा राज्य) कोई भी लोकतंत्र तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक कि निचले स्तर पर लोकतांत्रिक मान्यताएँ एवं मूल्य शक्तिशाली नहीं हो। लोकतंत्रीय राजनीतिक व्यवस्था में पंचायती राज ही वह माध्यम जो सरकार को सामान्यजन के दरवाजे तक लाता हैं। लोकतंत्र के उन्नयन में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज की विशेष भूमिका रही है। पंचायती राज संस्थाएँ स्थानीय जन सामान्य को शासन कार्य में भागीदार एवं हिस्सेदार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है और इसी भागीदारिता की प्रक्रिया के माध्यम से लोगों को प्रत्यक्षतः व परोक्ष रूप से शासन व प्रशासन का प्रशिक्षण स्वतः ही प्राप्त होता है। स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर ये स्थानीय जनप्रतिनिधि ही कालान्तर में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की व्यवस्थापिका सभाओं में प्रतिनिधित्व कर राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान करते हैं। पंचायती राज संस्थाएँ राष्ट्र को नेतृत्व उपलब्ध कराने में भी महति भूमिका निभाती है।[1]

KEYWORD

दरभंगा जिला, ग्रामीण विकास, महिला प्रतिनिधियों, पंचायत, भूमिका