नीति आयोग: प्रासंगिकता पर उठते सवाल

Assessing the Relevance and Effectiveness of NITI Aayog in Addressing India's Complex Challenges

by Dr. Karambir .*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 9, Issue No. 17, Jan 2015, Pages 0 - 0 (0)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

भारत की विविधताओ से भरा देश हैउसकी अपनी कुछ जटिल समस्याएं हैं। रोजगार और आयय निवेश और प्रगतिय आर्थिक क्षेत्र का ऊलझावय अंतरराष्ट्रीय व्यापारय शिक्षा और स्वास्थ्यय जैसे क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ एक को सुलझाने पर दूसरी ओर स्थिति खराब हो सकती है। इन जटिलताओं को सुलझाने हेतु सशक्त नीति और सुदृढ़ रणनीति की जरूरत है।अब सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार के पास ऐसी नीतियाँ और रणनीतियाँ बनाने की क्षमता है? जटिलता की इस चुनौती को समझते हुए प्रधानमंत्री ने 2015 में योजना आयोग का विघटन करके नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांस्फार्मिंग इंडिया (नीति आयोग) का गठन किया था। समय के साथ, अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाने के कारण नीति आयोग को आज कठघरे में खड़ा कर दिया गया है। इसकी सार्थकता को जाँचे-परखे जाने की जरूरत है।

KEYWORD

नीति आयोग, प्रासंगिकता, भारत सरकार, नौकरी, आर्थिक क्षेत्र, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, नीति, रणनीति