उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों की उपलब्धि पर पुस्तकालय के प्रभाव का अध्ययन (शामली जिले के सन्दर्भ में)

उपलब्धि के संदर्भ में उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालय का प्रभाव

by Balwant Singh Rajodiya*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 10, Issue No. 20, Oct 2015, Pages 0 - 0 (0)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

समाज के सर्वोन्मुखी विकास मे पुस्तकालयों का महत्वपूर्ण योगदान है। गेराल्ड जानसन ने अपनी पुस्तक ‘पब्लिक लाइब्ररी सर्विसेज’ मे लिखा हैं, ‘‘विष्व के सर्वोत्तम विचारों को जानने का सबसे तेज और सबसे सरल माध्यम पुस्तकालय हैं’’। पुस्तकालय ही एक ऐसा स्थान है जहाँ गहन ज्ञान ये परिपूर्ण पुस्तकें व्यवथित रूप से पाठकों के लिये रखी जाती है। इस प्रकार मनुश्य के व्यक्ति के पुस्कालयों का योगदान अनुपम है।

KEYWORD

उत्तर प्रदेश, माध्यमिक विद्यालय, विद्यार्थियों, पुस्तकालय, प्रभाव, समाज, विकास, गेराल्ड जानसन, पुस्तक, ज्ञान

Garrett, Henry E. (1981). “Statistics in Psychology and Education”, Vakils Feffer & Simons Ltd. Bombay. Good, C.V. (1959). “Introduction to Education research”, Appleton Century Crafts, Inc. New York.

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Corresponding Author Balwant Singh Rajodiya*

Lecturer (Library Science), V.S.P. Govt. P.G. College, Kairana (Shamli) U.P. E-Mail – balwantjyotirajodiya@gmail.com