छत्तीसगढ़ी लोकगीतों का विश्लेषणात्मक अध्ययन
A Comprehensive Analysis of Chhattisgarhi Folk Songs
by Dr. Ekta Kaushik*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 11, Issue No. 21, Apr 2016, Pages 1 - 7 (7)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
छत्तीसगढ़ का लोक साहित्य अत्यंत समृद्ध है। इसमें लोक साहित्य की समस्त लोक-विधाओं का समाहार है। छत्तीसगढ़ी लोकगीत, लोकगाथा, लोककथा, लोकनाट्य और लोक सुभाषित प्रचुर परिमाण में मिलते हैं। इस तरह छत्तीसगढ़ लोक साहित्य बहुरंगी और बहुआयामी है जिसमें आदि मानव की अनगढ़ भावनाओं के साथ वैदिक महाभारत रामायण काल से लेकर विविध संस्कृति और सभ्यताओं के उतार-चढ़ाव मिलते हैं। लोक साहित्य की इस संक्रमप बेला में आधुनिक भावबोध और युगीन संस्थित है। छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य की सर्वाधिक संपन्न और लोक प्रिय विधा है छत्तीसगढ़ी लोकगीत। इसमें जीवन के विविध पक्ष और सुख-दुख की अनुभूति व्यापक रूप में मिलती है। मनुष्य के जीवन और हृदय की विकास यात्रा इन्हीं लोकगीतों में समाप्त है। विविध युगों के शाश्वत और विकासशील तत्व जुड़कर सदैव मानव सभ्यता को आकार देते रहे हैं, इस तथ्य का प्रकटीकरप छत्तीसगढ़ी लोकगीतों से सहज मिल जाता है। आवश्यकता है इस दृष्टि से छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की मूल्यांकन की।
KEYWORD
छत्तीसगढ़ी लोकगीत, लोक साहित्य, विश्लेषणात्मक अध्ययन, संस्कृति, सभ्यता