अवध का भाग्य निर्माण
The Construction of Fate in Avadh
by Dr. Manjay PD. Kashyap*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 12, Issue No. 23, Oct 2016, Pages 482 - 483 (2)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
जैसा कि पूर्व से विदित है कि अवध ऐसे भ्रष्टाचार तथा शासन सम्बन्धी बुराईयों का दृश्य बन गया था, जो कर्नाटक से भी बढ़कर था। सर जॉन मेकफर्सन की सरकार ने उन्हें हटाने का कोई प्रयत्न नहीं किया। उसकी सरकार को कार्नवालिस ने ‘‘अत्यन्त घृणित भ्रष्टाचार की व्यवस्था बतलाया है। परन्तु अवध के वफर राज्य का कम्पनी के लिए सामरिक महत्व था। कम्पनी के हितों का तकाजा था, कि अवध को बंगाल का उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर रक्षा की एक मजबूत दीबार बनाया जाय। अवध कार्नवालिस के ध्यान से बच नहीं सका। नवाब आसफुद्दौला के मंत्री हैदरबेग के साथ उसने भेंट की। उसने कार्नवालिस से प्रार्थना की कि नवाब बजीर के राज्य में स्थित कम्पनी के सिपाहियों के बड़े भाग को तुरन्त हटा लिया जाय। कार्नवालिस उस बात पर राजी हो गया कि नवाब वजीर यदि अपना कर समय पर दिया करे तो यह घटाकर 74 से 50 लाख कर दिया जायेगा। परन्तु उसके कम्पनी के फौजी दस्तों को हटाने से इन्कार किया।
KEYWORD
अवध, भाग्य निर्माण, भ्रष्टाचार, शासन सम्बन्ध, बुराईयाँ, कार्नाटक, सर जॉन मेकफर्सन, सरकार, कार्नवालिस, वफर राज्य