नारी अस्मिता की आवाज़ : अंजु दुआ ‘जैमिनी’
Unveiling the Voice of Women Empowerment in Anju Dua's 'Jaimini'
by Vivek Gupta*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 12, Issue No. 2, Jan 2017, Pages 336 - 339 (4)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
मेरे शोध पत्र का उद्देश्य बहुपठित साहित्यकार और नारी अधिकारों की पैरोकार अंजु दुआ ‘जैमिनी’ के साहित्य में उनकी नारी के प्रति दृष्टि और नारी के हक़-हकूक की आवाज़ की खोजबीन करना है I नारी सदा-सर्वदा से ही दलित और शोषित रही है I सृष्टि-सर्जक होने के पश्चात भी नारी के लिए आवाज़ उठाने वाले लोग कम ही हैं I हिंदी के आधुनिक साहित्यकार, विशेषत: ‘महिला साहित्यकार’ नारी उत्थान हेतु प्रयासरत हैं I औरत को बराबरी का हक़ दिलाने के लिए उन्होंने कलम को अपना हथियार बनाया हैI अंजु दुआ ‘जैमिनी’ इन्हीं साहित्यकारों की भीड़ से गूंजती हुई एक अलग ही आवाज़ है I
KEYWORD
नारी अस्मिता, अंजु दुआ, जैमिनी, नारी दृष्टि, हक़-हकूक