रामचरितमानस में वर्णित वनस्पतियों के औषधीय तथा अन्य बहुपयोगी गुण

भारतीय संस्कृति में वनस्पतियों का महत्व और उनके औषधीय गुण

by Navita Rani*, Dr. Govind Dwivedi,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 12, Issue No. 2, Jan 2017, Pages 808 - 814 (7)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

प्रकृति और मनुष्य का सम्बन्ध संसार के आरम्भ से अक्षुण्ण ओर अखंड बना हुआ है। भारतीय सन्दर्भ से देखें तो वैदिक संस्कृति में प्रकृति को ही ईश्वर प्रदत्त मानकर उनके मंत्रोचार का विधान प्राप्त होता है, भारतीय संस्कृति में वनस्पतियों का वैज्ञानिक अध्ययन किया गया है। जहाँ पश्चिमी वैज्ञानिकों ने 'Man and the Environment' की परिकल्पना को आधार बनाकर प्रकृति व मनुष्य को अलग-अलग मानकर उनके सम्बन्धों की व्याख्या की है, वहीं भारतीय परम्परा में मनुष्य सदैव ही उस प्रकृति का अंश माना गया है, वह प्रकृति की उत्कृष्ट रचना अवश्य है, किन्तु प्रकृति से उत्कृष्ट नहीं।

KEYWORD

वनस्पतियों, औषधीय, गुण, प्रकृति, मनुष्य