छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की विशेषताएँ एक अध्ययन

A Study on the Characteristics of Chhattisgarhi Folk Songs

by Dr. Ekta Kaushik*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 12, Issue No. 2, Jan 2017, Pages 1696 - 1701 (6)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

छत्तीसगढ़ी लोकगीतों का क्षेत्र बहुत व्यापक है, इसमें एक ओर मुक्तक-शैली के सदाबहार ददरिया-गीत मिलते हैं, तो दूसरी ओर प्रबंध-गीतों के अंतर्गत गोपल्ला गीत, रायसिंह का पवारा तथा राजा वीरसिंह की कांहनी जैसे लंबे कथात्मक गीत भी मिलते हैं, जिसमें पराक्रम और विजय का अद्भुत वर्णन है। वार्तालाप-शैली का निर्वाह ददरिया-गीतों में बखूबी मिलता हैं। विवाह-गीतों में पुनरावृत्ति-शैली के दर्शन सहज ही किए जा सकते हैं। लोक- साहित्य का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंश लोकगीतों के रूप में प्राप्त होता हैं।

KEYWORD

छत्तीसगढ़ी, लोकगीत, विशेषताएँ, मुक्तक-शैली, ददरिया-गीत, प्रबंध-गीत, गोपल्ला गीत, रायसिंह, राजा वीरसिंह, लंबे कथात्मक गीत, पराक्रम, विजय, वार्तालाप-शैली, विवाह-गीत, पुनरावृत्ति-शैली, लोक-साहित्य, हिंदी