संगीतः- परिभाषा, अर्थ व महत्व

गायन और श्रुति के माध्यम से संगीत का महत्व और अर्थ

by Reenu Sharma*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 13, Issue No. 1, Apr 2017, Pages 159 - 161 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

संगीत एक ललित कला हैं। सगींत एक इस प्रकार की कला है जो मानव को आलौकिक सुख की अनुभूति कराती है। संगीत के माध्यम से व्यक्ति अपने समस्त दुःखों को भूलकर केवल आनन्द अनुभव करता हैं। आज के इस वैज्ञानिक युग में तो संगीत मनुष्य के लिए एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कड़ी बनता जा रहा हैं। अब तो मनोरोगियों का ईलाज भी संगीत की सहायता से किया जाता है। संगीत अब केवल मनोरजंन का साधन ही नहीं रह गया है बल्कि हमारे जीवन की वह आवश्यक कड़ी बन गया हैं, जिसकी सहायता से हम प्रत्येक कष्टों का निवारण कर सकते है और सुख की प्राप्ति कर सकते हैं।

KEYWORD

संगीत, ललित कला, आलौकिक सुख, मनोरोगियों, मनोरजंन, कष्टों, सुख, अर्थ, महत्व, मनोयोग