महिलाओं के विरूद्ध हिंसा एंव मानवाधिकार
Changing Dynamics of Women's Rights and Violence in Indian Society
by Narender Kumar*, Dr. Rakhee P. Kelaskar,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 13, Issue No. 1, Apr 2017, Pages 259 - 261 (3)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
किसी भी समाज में महिला (स्थिति) का अनुमान, उस समाज के कानून (संविधान) में महिलाओं को दिए गए मानव (मौलिक) अधिकारों से लगाया जा सकता है। भारतीय समाज में महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। भारतीय संविधान में महिलाओं को प्रत्येक नजरिए से समान समझा गया है। चाहे वह पारिवारिक स्थिति हो या सामाजिक, व्यक्तिगत हो या सरकारी। प्रत्येक स्थिति में महिलाओं को समान अधिकार दिए गए है। लेकिन पिछले तीन-चार दषकों से महिलाओं के प्रति अपराधों में निरन्तर वृद्धि हो रही है।
KEYWORD
महिलाओं, विरूद्ध हिंसा, मानवाधिकार, समाज, कानून, संविधान, मौलिक अधिकारों, भारतीय समाज, समान अधिकार, निरन्तर वृद्धि