वर्तमान में संस्कृत की उपयोगिता व वैज्ञानिकता
भारतीय समाज में संस्कृत की महत्वपूर्ण भूमिका
by Dr. Kamlesh .*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 13, Issue No. 2, Jul 2017, Pages 321 - 323 (3)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
संस्कृत भारतीय भाषाओं का जीवन शक्ति स्त्रोत है। प्राचीन काल में भारत ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में विश्व गुरू था। यवनों तथा अंग्रेजों ने भारतीयों की शान्तिप्रियता के कारण भारत को गुलाम बनाकर इसका सर्वस्व नष्ट करने का यत्न किया। उन्होंने स्वार्थ सिद्धि के लिए संस्कृत के स्थान पर उर्दू और अंग्रेजी को बढ़ावा दिया और इससे भारत का पतन हो गया। एक समय ऐसा रहा कि भारत गुलाम हो गया। लेकिन भारत की संस्कृति ऐसी थी कि न जाने अनेकों शहीदों, समाज सुधारकों ने भारत में जागृति पैदा की और भारत माँ को गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाया। आज उसी का दुष्परिणाम है कि महिला अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद बेरोजगारी ये समस्याएँ प्रमुख रूप से समाज को व्यथित कर रही हैं आज नैतिक शिक्षा संस्कृत शिक्षा के अभाव में ही हमारा भारतीय समाज अपनी आध्यात्मिक अवधारणा को धीरे-धीरे त्यागता जा रहा है और भौतिकवाद की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है।
KEYWORD
संस्कृत, भाषाएँ, विज्ञानिकता, भारत, ज्ञान-विज्ञान, भारतीय समाज, नैतिक शिक्षा, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, बेरोजगारी