सामाजिक आर्थिक परिप्रेक्ष्य में महिला आरक्षण
भारतीय महिलाओं की सामाजिक आर्थिक स्थिति: एक वैश्विक विषय
by Dr. Pushpa Rai*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 13, Issue No. 2, Jul 2017, Pages 807 - 813 (7)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
महिला, दृढ़निश्चयी महिला, उद्यमी महिला, जागरूक महिला को शिक्षा एवं सम्मान के धरातल पर आर्थिक रूप में आत्मनिर्भर महिला की ओर आकर्षित है। इस नवीन वातावरण में महिलाये अपनी शिक्षा, परिश्रम, जागरूकता, संकल्प एवं उद्यमशीलता को अग्रसारित कर अपने को और उपयोगी सिद्ध करें। दूसरी तरफ यह भी माना है कि अब यह सब महिलाओं पर ही निर्भर है कि वे अपनी आन्तरिक शक्तियों को जगाकर और वाह्य शक्तियों को संगठित कर, इस परिवर्तित नवीन वातावरण का उपयोग अपने पक्ष में करके राष्ट्र निर्माण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाती है, या महिला-पुरूष प्रतिद्वन्दिता और टकराव की राजनीति चला कर अपनी शक्तियों का अपव्यय करने के साथ-साथ अपनी संकटपूर्ण शोषक स्थितियों को आमंत्रित करती है। पहले चिली और अब अर्जेन्टीना में महिला राष्ट्रपति के चुने जाने के बाद कभी “पुरूष वर्चस्व” संस्कृति के लिए कुख्यात लैटिन अमेरिका आज विकासशील राष्ट्रों को महिलाओं के राजनैतिक सशक्तीकरण के क्षेत्र में नया नेतृत्व दे रहा है। हालाँकि “क्रिस्टीना फर्नान्डेज दे किर्चनर” नए राष्ट्रपति के रूप में अपने पति नेस्टर किर्चनर का स्थान लेंगी। फिर भी उनके चुनाव को परिवारवाद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। क्रिस्टीना सीनेटर रह चुकी है, और एक संघर्षशील नेता के रूप में पहचानी जाती है। मानवाधिकार और महिला समस्याओं पर उन्होंने कई दशकों से काम किया है। साथ ही, सैनिक सरकार द्वारा मानवाधिकार हनन एवं पीड़ितों के समर्थन में उन्होंने कई अभियान चलाए है।
KEYWORD
महिला, दृढ़निश्चयी महिला, उद्यमी महिला, जागरूक महिला, आर्थिक रूप में आत्मनिर्भर महिला, शिक्षा, सम्मान, संकल्प, उद्यमशीलता, राष्ट्र निर्माण