रामकथा की चित्र परम्परा और दार्शनिक मन्तव्य
Exploring the Devotional Path in the Tradition of Ramayana Paintings
by Dr. Pradeep Kumar Singh*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 14, Issue No. 1, Oct 2017, Pages 857 - 859 (3)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
भारतीय दर्शन में मोक्ष प्राप्ति के तीन मार्ग प्रतिपादित किये गये हैं, वे हैं ज्ञान मार्ग, भक्ति मार्ग और कर्म मार्ग। कोई भी साधक या साधारण व्यक्ति अपनी सामर्थ्य शक्ति और सीमा को अच्छी तरह समझकर इन तीनों में से किसी एक मार्ग का चुनाव करता है। भक्तिमार्ग प्राय आम जनता और सामान्य जनमानस का मार्ग माना जाता है। इसलिए मोक्ष प्राप्ति के लिए भक्ति का मार्ग अपेक्षाकृत आसान और सर्वसुलभ माना जाता है। रामकथा की चित्र परंपरा को हम इसी भक्तिमार्ग से जोड़ सकते हैं। चित्रकार कामन्तव्य जहाँ अपनी चित्रकला विषयक ज्ञान और उत्कृष्टता का प्रदर्शन है, वहीं दूसरी ओर वह ईश्वर भक्ति के मार्ग का अनुसरण करता हुआ भी दिखाई पड़ता है।
KEYWORD
रामकथा, चित्र परम्परा, दार्शनिक मन्तव्य, ज्ञान मार्ग, भक्ति मार्ग, कर्म मार्ग, साधक, सामर्थ्य शक्ति, चित्रकार, चित्रकला