शाहजहां का शासनकाल: मुगलकाल का स्वर्ण-युग

The Golden Age of Shah Jahan's Reign and the Magnificence of Mughal Era

by Dr. Syed Murshid Faiz*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 14, Issue No. 1, Oct 2017, Pages 921 - 922 (2)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

शाहजहाँ का शासनकाल भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्य का स्वर्ण काल था। शाहजहाँ के शासनकाल में मुगल साम्राज्य का चातुर्दिक विकास हुआ। आर्थिक स्थिति सम्पन्न थी एंव साम्राज्य में शांति व्यवस्था बनी रही तथा सांस्कृतक प्रगति अपने चर्मोत्कर्ष पर थी। शाहजहाँ ने अपने शासनकाल में सीमा में विस्तार किया। उसने प्रान्तों का विस्तार किया। कृषि एंव सिंचाई व्यवस्था में सुधार किया तथा नहरों का निर्माण करवाया। अपने पुर्वजों की भांति शाहजहाँ भी शिक्षा एंव साहित्य का महान संरक्षक था। कला के क्षेत्र में भी अद्वितीय प्रगति हुई जिसके कारण शाहजहां का शासनकाल (1628-1658) मुगलकाल का स्वर्ण युग कहलाता है। शाहजहाँ ने अनेक मस्जिद व सुन्दर भवनों का निर्माण करवाया। उसने आगरा में विश्व विख्यात ताजमहल का निर्माण करवाया। दिल्ली में लाल किला, दीवान-ए-आम, दीवद-ए-खास, जामा मस्जिद, जहाँगीर का मकबरा आदि का निर्माण करवाया। खफी खां, राय भारमल, बर्नियर व मनूची ने शाहजहाँ के काल को स्वर्ण युग माना है।

KEYWORD

शाहजहां, शासनकाल, मुगलकाल, स्वर्ण-युग, मुगल साम्राज्य, चातुर्दिक विकास, आर्थिक स्थिति, सांस्कृतक प्रगति, सीमा में विस्तार, कृषि एंव सिंचाई, शिक्षा, साहित्य, कला, ताजमहल, लाल किला