भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्यटन की भूमिका का विश्लेषणात्मक अध्ययन

पर्यटन की भूमिका और उसका समाजिक और आर्थिक प्रभाव

by Dr. Arjun Singh Bhaghel*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 14, Issue No. 2, Jan 2018, Pages 86 - 90 (5)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

पर्यटन क्षेत्र देश की आर्थिक संवृद्धि और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर्यटन देश का वृह्द सेवा उद्योग है। यह एक महत्वपूर्ण सेवा उन्मुखी क्षेत्रक है जो सकल राजस्व और विदेशी मुद्रा के अर्जन की दृष्टि से त्वरित विकास करता है। यह सेवा प्रदाताओं का समिश्रण है। सरकारी और निजी दोनों की इसमें संयुक्त सेवा है। जिसमें यात्रा एजेंट और संचालक, हवाई, भू और समुद्री परिवहन, गाइड हाॅटलो के मालिक, अतिथि गृह, रेस्तरां, और दुकाने शामिल है। पर्यटन किसी देश में रहने वाले लोगों के जीवन-स्तर तथा रहन-सहन की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार लाए जाने के साथ ही रोजगार-सृजन का भी महत्वपूर्ण कार्य करता है। पर्यटन से स्थानीय कर प्राप्तियों के रूप में अर्थव्यवस्था को जो लाभ होता है, उससे सामाजिक निर्धनता उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवा,आवास,पेयजल,तथा स्वच्छता, मनोरंजन, के अनेक अवसरों आदि आधारभूत सेवाओं की व्यवस्थाओं को वास्तविकता में साकार किया जा सकता है। यही नही सामाजिक असमानताओं को दूर करने की दृष्टि से भी पर्यटन सकारात्मक प्रभाव डालता है। पर्यटन पर्यावरण की गुणवत्ता बढ़ाने, अधिक रोजार सृजन करने के लिए प्रोत्साहन देता है। साथ ही साथ अर्थव्यवस्था के विकास को भी अभिप्रेरित करता है।

KEYWORD

पर्यटन, अर्थव्यवस्था, भूमिका, रोजगार सृजन, विदेशी मुद्रा, सेवा, त्वरित विकास, यात्रा एजेंट, संचालक, आर्थिक संवृद्धि, सामाजिक निर्धनता, स्वास्थ्य, स्वच्छता, मनोरंजन, पर्यावरण, रोजार सृजन, अभिप्रेरित