शैक्षणिक उत्थान की चुनौतियाँ मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा के संदर्भ में

by Dr. Arjun Singh Bhaghel*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 14, Issue No. 2, Jan 2018, Pages 207 - 209 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

देश के विकास में उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान हैं। गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के माध्यम से सामाजिक राजनैतिक, एवं आर्थिक परिवर्तन सम्भव है। आज के बदलते परिवेश में वैश्विक अर्थव्यवस्था ज्ञान प्रदान करने वाली ईकाई के रूप में शिक्षा किसी देश के विकास की मुख्य धारा से जुड़ी हुई एक महत्वपूर्ण कड़ी है। सही शिक्षा जीवन के प्रत्येक पहलू पर पहुॅच रखती हैं। अच्छी शिक्षा वह होगी, जो हमारे भूतकाल से उत्तम बातों को ग्रहण कर सकें, वर्तमान का श्रेष्ठ उपयोग कर सके, साथ ही भविष्य की दिशा भी निर्धारित कर सकें। प्रसिद्ध राजनीतिक विचारक अरस्तु के अनुसार - ‘‘शिक्षा का लक्ष्य व्यक्ति की आत्मा की निश्चित तथा आंतरिक दशाओं को अभिव्यक्त करना है।‘‘ व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है अतः उसके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह समाज में रहते हुए स्वयं को सामाजिक संहिता से समायोजित करने का प्रयास करें। ऐसे व्यक्ति जो स्वयं को समायोजित नहीं कर पाते हैं वे समाज तथा समाज के सदस्यों के लिए समस्या पैदा करते हैं। आज देश के ज्यादातर शैक्षणिक संस्थाओं में शैक्षणिक वातावरण दूषित होता चला जा रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो शिक्षण संस्थाओं में छात्रों और शिक्षकों के निजी जीवन में उदत्त नैतिक आदर्शो का घोर अभाव है। शिक्षा का उद्देश्य मूल रूप से चरित्र का निर्माण करना है। शिक्षा मनुष्य को संस्कारवान और मानवीय चरित्र को उदात्तीकृत करने का सबसे कारगर हथियार है। डाॅ.जे.बी. विलनिलम का मानना है कि-‘‘शिक्षा को मानव संसाधन विकास में राष्ट्रीय निवेश के रूप में लिया जाना चाहिए। जवाबदेही के प्रश्न पर नीति निर्धारण एवं वित्तीय संस्थाओं को गहन विचार करना होगा क्योंकि इस क्षेत्र में लागत अधिक और वसूली निम्न है।‘‘

KEYWORD

शैक्षणिक उत्थान, मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा, उच्च शिक्षा, विकास, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा, सामाजिक राजनैतिक, आर्थिक परिवर्तन, वैश्विक अर्थव्यवस्था, ज्ञान प्रदान, शिक्षा के विकास, शिक्षा का महत्व, सामाजिक संहिता, शिक्षण संस्थाएं, नैतिक आदर्श, मानवीय चरित्र, राष्ट्रीय निवेश, नीति निर्धारण, वित्तीय संस्थाएं