भारतीय विश्व-विद्यालय संघ में युवा उत्सव - एक परिचय

Empowering Indian Youth through Traditional Practices and Cultural Events

by Rajkumar .*, Deepika Logani Trikha,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 14, Issue No. 2, Jan 2018, Pages 376 - 378 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

किसी भी राष्ट्र की प्राचीन परंपराओं एवं मर्यादाओं और संस्कृति को सहेज कर रखने में उस राष्ट्र की युवा पीढ़ी का बहुत बड़ा योगदान होता है, क्योंकि युवा पीढ़ी एक सही दिशा में चलती है तो संस्कृति और परंपराएँ विकसित होती हैं, और अगर युवा गलत दिशा में भटक जाता है तो परंपराएँ पतन की ओर चली जाती हैं। इसलिए यदि उस संस्कृति और उन परंपराओं को उन्नति की तरफ ले जाना है तो वहाँ के युवाओं का संस्कारित होना आवश्यक है ओर युवाओं को संस्कारित करने के लिए उनकी परंपराओं को उनकी मर्यादाओं को समझाने के लिए कुछ ऐसा करने की आवश्यकता होती है जिससे वो एक रोचक तरीके से अपनी उन सभी परंपराओं को और संस्कृति को समझ सके। युवा उत्सव उसमें एक बहुत अच्छा माध्यम साबित हो सकता है। इसी सोच के साथ ‘भारतीय विश्वविद्यालय संघ’ के माध्यम से युवा उत्सवों की शुरूआत पूरे भारतवर्ष में की गई, क्योंकि महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अगर उनकी ऊर्जा एक सही दिशा में लगती है तो हम देश को आगे ले जा सकते हैं। ‘भारतीय विश्वविद्यालय संघ’ जिसके माध्यम से पूरे देश में युवा उत्सव संचालित किए जाते हैं, आयोजित किए जाते हैं, उस विश्वविद्यालय संघ का निर्माण किस प्रकार से हुआ। आज वर्तमान में उस विश्वविद्यालय संघ का क्या रूप हमारे सामने है और किसी भी उत्सव को विधिवत रूप से चलाने के लिए उनकी एक नियमावली होती है, आज के समय में ‘भारतीय विश्वविद्यालय संघ’ युवा उत्सवों को एक विधिवत नियमावली में बांधकर चलाने का काम कर रहा है।

KEYWORD

युवा उत्सव, भारतीय विश्व-विद्यालय संघ, परंपराएँ, संस्कृति, मर्यादाएं