भीष्म साहनी के साहित्य में नारी-चेतना: पारिवारिक सन्दर्भ

भीष्म साहनी के साहित्य में नारी के परिवारिक सन्दर्भ

by Promila .*, Dr. Govind Dwivedi,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 14, Issue No. 2, Jan 2018, Pages 703 - 708 (6)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

नारी हमेशा से ही पुरुष की प्रेरणा रही है। नारी का शारीरिक सौन्दर्यअगर पुरुष को लुभाता है, इसकी शारीरिक आवश्यकता की पूर्ति करता है तोनारी का आत्मिक सौन्दर्य पुरुष के कार्यों की प्रेरणा भी बनता है। नारी पुरुष कोनिराशा के क्षणों में आशा देती है, दुःख में दिलासा देती है और उसके कर्म मेंउत्साह भरती है।

KEYWORD

भीष्म साहनी, साहित्य, नारी-चेतना, पारिवारिक सन्दर्भ, नारी