डीडवाना तहसील राजस्थान में जल संसाधन की उपलब्धता एवं उपयोग
डीडवाना तहसील में जल संसाधन की उपलब्धता एवं उपयोग: राजस्थान का एक मामला
by Dasrath Kumar*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 14, Issue No. 2, Jan 2018, Pages 847 - 853 (7)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
जल अनमोल प्राकृतिक संसाधन है। यह सम्पूर्ण जीव जगत का मूल आधार है। पृथ्वी धरातल पर जल असमान रूप से वितरित है। धरातल पर जल की प्राप्ति जलीय-चक्र से होती है। सौर्यताप से महासागरों तथा अन्य जलाशयों से वाष्पीकरण और पादपों से वाष्पोत्सर्जन होता है। वायुमण्डल में एकत्रित इसी जलवाष्प के संघनन से वर्षा, हिमवर्षा, ओलावृष्टि आदि रूप में भूतल प्राप्त करता है। यही जल संसाधन भूतल पर एकत्रित एवं प्रवाहित होता है। पृथ्वी के 70 प्रतिशत भाग पर जल है। परन्तु पृथ्वी पर उपलब्ध जल का 0.007 प्रतिशत भाग अर्थात् एक लाख लीटर जल में से 7 लीटर जल ही मानव के लिए उपयोगी है, शेष जल समुद्रों एवं ग्लेशियरों में जमा है। विश्व की 16 प्रतिशत आबादी वाले भारत में विष्व के धरातलीय जल का 4 प्रतिशत भाग ही उपलब्ध है। भारत के क्षेत्रफल का 10.41 प्रतिशत भाग वाले राजस्थान राज्य में भारत के कुल उपलब्ध जल का मात्र 1 प्रतिशत उपलब्ध है। डीडवाना तहसील थार मरूस्थल में स्थित होने से जल की उपलब्धता अत्यन्त सीमित है जो लगातार पड़ने वाले अकाल व सूखा के रूप में दृष्टिगोचर होती है।
KEYWORD
डीडवाना तहसील, राजस्थान, जल संसाधन, उपलब्धता, उपयोग