प्रोक्तीय दृष्टि से निराला और पंत के काव्य का तुलनात्मक अध्ययन
A Comparative Study of the Poetry of Nirala and Pant from a Prokti Perspective
by Baljeet Kaur*, Dr. Sumitra Chaudhary,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 14, Issue No. 2, Jan 2018, Pages 1173 - 1178 (6)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
‘शैलीविज्ञान’ जैसी नवीन अवधारणा को समझने के लिये ‘शैली के विषय में पर्याप्त जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। साधारण शब्दों में शैली का अर्थ है-ढंग या तरीका। जैसे खाने-पीने, बोलने, लिखने आदि का ढंग। शैली शब्द को लेकर अनेक पाश्चात्य तथा भारतीय विचारकों में मतभेद रहा है। कुछ विचारक ‘शैली’ को पाश्चात्य मानते हैं तो कुछ इसे प्राचीन भारतीय साहित्य से जोड़ते हैं।
KEYWORD
प्रोक्तीय दृष्टि, निराला, पंत, काव्य, तुलनात्मक अध्ययन, शैलीविज्ञान, शैली, ढंग, खाने-पीने, बोलने