कैवल्यप्राप्ति प्रक्रिया, योगविषयक आत्मतत्व एवं मोक्ष की स्थापना
The Liberation Process, Self-identity in the Context of Yoga, and the Establishment of Moksha
by Seema .*, Dr. Prakash Pandey,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 14, Issue No. 2, Jan 2018, Pages 1642 - 1646 (5)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार जीव का जन्म और मरण के बंधन से छूट जाना ही मोक्ष है। भारतीय दर्शनों में कहा गया है कि जीव अज्ञान के कारण ही बार बार जन्म लेता और मरता है। इस जन्ममरण के बंधन से छूट जाने का ही नाम मोक्ष है। जब मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर लेता है, तब फिर उसे इस संसार में आकर जन्म लेने की आवश्यकता नहीं होती। मोक्ष के बारे में बताने वाले मुख्य हिन्दू दर्शन, बौद्ध दर्शन, जैन दर्शन, भारतीय दर्शन है।
KEYWORD
कैवल्यप्राप्ति प्रक्रिया, योगविषयक आत्मतत्व, मोक्ष, शास्त्रों, पुराणों, जीव, जन्म, मरण, बंधन, भारतीय दर्शन