उपनिवेशिक सरकार के विरुद्ध प्रथम सशसत्त जन जातीय विद्रोह के रूप में संथाल विद्रोह

The Santal Rebellion as the First Successful Jan-Jatiya Uprising against the Colonial Government in Bihar

by Upendra Kumar*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 14, Issue No. 2, Jan 2018, Pages 1876 - 1878 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

बिहार के जनजातीय समाज में अब तक जितने भी संघर्ष हुए हैं, उनका एक प्रधान पहलु सामुदायिक पहचान बचाना रहा है जोत जमीन के रक्षा के लिए जमीन से जुड़े आदिवासियों के आंदोलन के एक लंबा इतिहास है। अपने भूमि व्यवस्था के शत-विशत होने और ईसाई मिशनरियों के प्रभाव के फलस्वरूप आदिवासी द्वारा अपनी संस्कृति को पुनर्जीवन देने के लिए भी आंदोलन हुए हैं, सामाजिक आंदोलन की पृष्ठभूमि में सामाजिक संरचना में बदलाव लाने या बदलाव का विरोध करने के लिए संगठित प्रयास ही रहा है।

KEYWORD

जनजातीय समाज, संथाल विद्रोह, जमीन, आदिवासियों के आंदोलन, भूमि व्यवस्था, ईसाई मिशनरियों, संस्कृति, पुनर्जीवन, सामाजिक संरचना, संगठित प्रयास